केंद्र सरकार के किसान विरोधी बिल के खिलाफ़ चल रहे किसान आंदोलन में छत्तीसगढ़ से इंटक नेता सत्यप्रकाश चंद भी शामिल

केंद्र सरकार के किसान विरोधी बिल के खिलाफ पूरे देश के किसानों ने अपनी मांगों को लेकर मोर्चा खोल दिया है। दिल्ली के बॉर्डर में कंपकपाती ठंड के बीच किसान डटे हुए हैं। दुर्ग से इंटक के दुर्ग विधानसभा अध्यक्ष सत्यप्रकाश चंद ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान छः ग के किसानों का प्रतिनिधित्व करते हुए भारतीय किसान संघ को अपना समर्थन दिया।उनके आंदोलन में वे पिछले 3 दिनों से शामिल है। उन्होंने हरियाणा और पंजाब से आंदोलन में शामिल हुए किसानों से दिल्ली – हरियाणा के टिकरी बॉर्डर पर मुलाकात की। पंजाब और हरियाणा प्रान्त के मनसा, लखवीरा, कोरबारा, चिचार, दानेवारा, कुक्कुरी व दिलेरवारा के सरदार बंश सिंह, सरदार खुशवंत सिंह, सरदार मनदीप सिंह, सरदार हरदीप सिंह से बिल की वजह से किसानों को होने वाले समस्या के बारे में चर्चा कर के केंद्र सरकार के किसान विरोधी बिल की निंदा कि उनका कहना था कि किसान हक मांगने आए हैं, भीख नहीं। उन्होंने एक स्वर में कहा कि कृषि बिल किसान विरोधी है। देश को अन्न देने वाला किसान आज इस ठंड में अपनी लड़ाई लड़ने के लिए सड़कों पर उतरा है। हम बिल वापस कराए बिना नहीं लौटेंगे। किसानों का कहना था कि घर के खर्च से लेकर बच्चों की पढ़ाई, बेटी का ब्याह और सब काम के लिए अपनी फसल की बिक्री पर निर्भर हैं, लेकिन इस कानून के बाद हम अपना नियंत्रण खो देंगे। सत्यप्रकाश चंद ने कहा कि सरकार को अपना कानून बदलकर MSP रेट तय करना चाहिए नही तो इस आंदोलन के उग्र होने पर केंद्र सरकार ही जिम्मेवार होगी। धरती का सीना चीर कर फसल बोने वाले किसान को मजबूर करने वाली सरकार अगर अपना फैसला नही बदलेगी तो कही किसान चुनावो में केंद्र सरकार का सीना चीरने पर मजबूर हो जाएंगे। अपने आप को किसानों की हितैषी बताने वाली केंद्र सरकार को बिल में बदलाव करके साबित करना चाहिये कि वो किसानों के हित में फैसला ले रही है।

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