चीन अमेरिका पर कोरोना वायरस फैलाने का आरोप लगा चुका है. अब ईरान ने कहा है कि हो सकता है कि कोरोना वायरस अमेरिकियों ने ही तैयार किए हों. ईरान के सर्वोच्च नेता ने देश के टीवी चैनल पर ये बातें कही हैं. हालांकि, ऐसे दावे को लेकर अब तक कोई सबूत पेश नहीं किए गए हैं, लेकिन दुनिया में इसकी काफी चर्चा हो रही है. आइए जानते हैं ईरान के सर्वोच्च नेता ने कोरोनावायरस और कथित अमेरिकी साजिश को लेकर क्या-क्या कहा-
सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अमेरिकी मदद को भी ठुकरा दिया है. वह भी तक जब ईरान कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित हुआ है. ईरान में अब तक 21,600 से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 1680 से अधिक लोगों की मौत हो गई है.
अयातुल्ला अली खामनेई ने कहा है कि यह अजीब बात है कि अमेरिका कोरोना वायरस को लेकर ईरान की मदद की पेशकश कर रहा है. उन्होंने कहा कि असल में अमेरिका खुद अपने देश में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में कई कमियों का सामना कर रहा है. बता दें कि अमेरिका में भी कोरोना वायरस के पर्याप्त टेस्ट नहीं होने का मुद्दा उठ रहा है.
ईरान और अमेरिका के बीच आरोप-प्रत्यारोप नई बात नहीं है. दोनों देशों के बीच कुछ ही महीने पहले ही स्थिति युद्ध तक आ गई थी. लेकिन कोरोना वायरस जैसी महामारी के बावजूद गंभीर आरोप लगाने का सिलसिला जारी है.
अयातुल्ला अली खामनेई ने अमेरिकी नेताओं को धूर्त कहा है. उन्होंने कहा- ‘उन पर (अमेरिकियों पर) वायरस बनाने का आरोप है. मैं नहीं जानता कि ये सही है. लेकिन वे मदद की बात कर रहे हैं. क्या पता कि वे ऐसा ड्रग दे दें जिससे कि ये वायरस हमेशा ईरान में रह जाए. शायद वे लोग अपने बनाए ‘जहर’ का असल असर देखने के लिए ईरान आना चाहते हों.’
बता दें कि दुनिया में सोमवार की सुबह तक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 3 लाख 37 हजार पार कर गई है. दुनियाभर में 14,600 से अधिक मौतें हो चुकी हैं. कोरोना वायरस से अब तक सबसे अधिक मौतें इटली, चीन और ईरान में हुई है.