बीते 19 दिनों से टालमटोल करने वाली सुस्त जीआरपी पुलिस दुर्ग को आखिरकार अपराध दर्ज करना ही पढ़ा। राष्ट्रबन्धु समाचार की खबर का हुआ बढ़ा असर । खामोश बैठे जिले के महिला बाल विकास विभाग और सीडब्लूसी के अधिकारियों को जीआरपी दुर्ग जा कर अपराध दर्ज कराने की करनी पड़ी मशक्कत।
रीतेश तिवारी दुर्ग दरअसल मामला बीते 3 मार्च का है जहाँ 12 साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म के मामले में जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों की खूब लीपापोती चली लेकिन राष्ट्रबन्धु समाचार में खबर लगने के बाद जैसे इन सोये हुए अधिकारियों की नींद ही गायब हो गयी हो। तमाम हूल हवाइयां के बाद आखिरकार धारा 376 के साथ पॉक्सो के तहत अपराध पंजीबद्ध कराया गया। नींद से जागी वही जीआरपी चौकी दुर्ग में अपराध दर्ज किया जिसके प्रभारी हरीश शर्मा लगातार ये कह कर टालते रहे कि हमारे स्टेशन में कोई बच्ची नही मिली है न कोई घटना हुई है।
12 साल की मासूम बच्ची जिसे ये जिम्मेदार मानसिक रोगी तक कह डाले थे उसी पीड़ित बच्ची के लिए पिछले दो दिनो से इन्हें अपराध दर्ज कराने की जद्दोजहद करनी पड़ी । एक पीड़ित बच्ची के साथ हैवानियत की सारी हदें पार हो गई । न समय रहते उसका मेडिकल चेकअप कराया गया न बेहतर अस्पताल में इलाज कराया गया मामले को दबाने के चक्कर मे सभी न बड़ी ही बारीकी से उसे मानसिक रोगी करार दे दिया था। जीआरपी दुर्ग प्रभारी के मुताबिक पीड़ित बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ है कहा हुआ इसकी जानकारी नही है लेकिन राष्ट्रबन्धु समाचार के विश्वसनीय सूत्रों की माने तो बच्ची के साथ ट्रेन के बाथरूम में इस हैवानियत को अंजाम दिया गया है और जीआरपी नही चाहती कि ट्रेन में घटना घटित होना उजागर हो।
इस पूरे मामले में एक और बात गले से नही उतर रही है जो जीआरपी पिछले 19 दिनों से सो रही थी वो अचानक सीडब्लूसी के दफ्तर कैसे पहुच गई। जीआरपी थाना प्रभारी एल एस राजपूत और दुर्ग जीआरपी चौकी प्रभारी सोनी ढाई घंटो तक सीडब्लूसी के दफ्तर में क्यो बैठे रहे। सीडब्लूसी एक न्यायिक पीठ संस्था है वहा इनका क्या काम था जो जानकारी पीड़ित बच्ची से जुड़ी चाहिए थी वो खुद सीडब्लूसी लिखित में इन्हें देती ही फिर ये वहां क्यो बैठे थे ? बहरहाल अब जीआरपी दुर्ग ने अपराध दर्ज कर लिया है अब देखना होगा अनजाने अपराधी कब तक पकड़े जाते है।बात ये भी बड़ी है कि आखिर जिस बच्ची को मानसिक रोगी बताया जा रहा है उसने ही अपने साथ हुए अपराध का बयान राजनांदगांव बालिका गृह में दर्ज कराया जिसके आधार पर ही दुष्कर्म का मामला पंजीबद्ध किया गया,
बच्ची दुर्ग अम्बिकापुर ट्रेन में मिली थी बाल कल्याण समिति की रिपोर्ट पर अपराध दर्ज कर लिया गया है और दुर्ग से लेकर अम्बिकापुर तक के दर्जनों स्टेशनों में लगे सीसीटीवी की जांच की जाएगी साथ ही जल्द से जल्द पीड़ित बच्ची का मेडिकल चेकअप करायेगे। अपराध दर्ज होने में 19 दिन क्यो लगे ये चौकी प्रभारी हरीश शर्मा ही बता पाएंगे।
- एल एस राजपूत थाना प्रभारी जीआरपी भिलाई 3